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    100+ Best Desh Bhakti Shayari in Hindi – वतन पर दिल से लिखी शायरी | वतन से मुहब्बत

    वतन की शान में Desh Bhakti Shayari

    Jis mitti mein humne janm liya, jinki hawaon mein hum daily saans lete hain, jiske ann se humara poshan hota hai , woh Watan hi toh hai jo hamari pehchaan hai, hamara pride hai.यह वह पवित्र भूमि है जहाँ हमारे पूर्वजों ने अपने सपनों को साकार किया, जहाँ वीरों ने अपनी जान की बाज़ी लगाई और जहाँ संस्कृति की अनमोल विरासत सदियों से चली आ रही है। वतन सिर्फ़ एक भौगोलिक सीमा नहीं, बल्कि यह हमारी आत्मा का विस्तार है, हमारी भावनाओं का सागर है। इसकी शान में कहे गए हर शब्द में देशभक्ति का जज़्बा और मुहब्बत की गहराई झलकती है। आइए, इस वतन की महानता को कुछ पंक्तियों में महसूस करें।

    100+ Best Desh Bhakti Shayari in Hindi – वतन पर दिल से लिखी शायरी | वतन से मुहब्बत

    सरफ़रोशी की तमन्ना अब हमारे दिल में है, देखना है ज़ोर कितना बाज़ू-ए-क़ातिल में है।

    वतन की आबरू पर जान भी कुर्बान है अपनी, नहीं डरते कभी हम मौत के पैग़ाम से यारो।

    यह वतन हमारा है, हम हैं इसके रखवाले, हर साँस में बसी है इसकी मिट्टी की खुशबू निराली।

    जहाँ डाल-डाल पर सोने की चिड़िया करती है बसेरा, वो भारत देश है मेरा, वो भारत देश है मेरा।

    मिट्टी मेरी माँ है, और आसमान मेरा बाप, कैसे न प्यार आए इस धरती के हर ज़र्रे से आप।

    वतन की राह में वतन के नौजवान चले, ये सरफ़रोश दीवाने अपनी जान चले।

    हमारी जान से प्यारा यह गुलिस्ताँ हमारा, हम इसकी शान हैं और यह है अभिमान हमारा।

    वतन की मोहब्बत में खुद को तपाये बैठे हैं, मरेंगे वतन के लिए, यह कसम खाये बैठे हैं।

    आज़ादी की कभी शाम न होने देंगे, शहीदों की कुर्बानी बदनाम न होने देंगे।

    लहू वतन के शहीदों का रंग लाया है, उछल रहा है ज़माने में नाम-ए-आज़ादी।

    शहीदों को नमन

    भारत की गोद में अनगिनत ऐसे वीर सपूतों ने जन्म लिया, जिन्होंने इस मिट्टी की रक्षा के लिए अपने प्राणों की आहुति दी। उनकी शहादत, सिर्फ़ एक मृत्यु नहीं, बल्कि एक अमर गाथा है, जो पीढ़ियों तक हमें प्रेरित करती रहेगी। वो निडर योद्धा थे, जिनके सीने में वतन के लिए अटूट प्रेम और आँखों में आज़ादी का सपना पल रहा था। उन्होंने हँसते-हँसते फाँसी के फंदे को चूमा और दुश्मन की गोलियों को अपने सीने पर झेला। उनका बलिदान, इस आज़ाद हवा में हमारी हर साँस का क़र्ज़ है। आइए, उन अमर शहीदों को श्रद्धा सुमन अर्पित करें और उनकी कुर्बानी को कभी न भूलने का संकल्प लें।

    शहीदों की मज़ार पर लगेंगे हर बरस मेले, वतन पर मिटने वालों का यही बाक़ी निशाँ होगा।

    वो जान भी गए तो क्या, कि जान देने वाले, वतन की ख़ाक को अपनी कफ़न समझते हैं।

    चढ़ गए जो हँसकर सूली, खाई जिन्होंने सीने पर गोली, हम उनको प्रणाम करते हैं, जो मिट गए वतन की खातिर।

    लहू से सींचा वतन, लहू से पाला है, शहीदों ने ही तो इसे संभाला है।

    उनकी शहादत को सलाम, जिनकी वजह से यह मुकाम, आज़ाद हवा में लेते हैं हम सबका नाम।

    वतन के वीर जवानों की गाथा अमर रहेगी, उनकी कुर्बानी हर पीढ़ी को प्रेरणा देती रहेगी।

    मिट्टी का कण-कण भी अब चंदन हुआ, शहीदों के लहू से यह वतन पावन हुआ।

    वो जज़्बा, वो जुनून, वो देश पर मिटने का सुकून, शहीदों के दिल में था, तभी तो वतन महफूज़ रहा।

    नाम रहेगा उनका, काम रहेगा उनका, जो दे गए वतन के लिए अपनी जान का नज़राना।

    झुकता है सर हर उस वीर के आगे, जो हँसते-हँसते चढ़ गया फाँसी के धागे।

    वतन की मिट्टी का एहसास

    वतन की मिट्टी, महज़ कुछ धूल और कणों का समूह नहीं, बल्कि यह हमारी जड़ों से जुड़ा एक अटूट बंधन है। इसमें हमारे पूर्वजों की साँसें घुली हैं, हमारे बचपन की किलकारियाँ गूँजती हैं और हमारी संस्कृति की सदियों पुरानी पहचान समाई हुई है।

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    इस मिट्टी को छूते ही एक अजीब सी शांति और अपनत्व का भाव उमड़ आता है, जैसे माँ की गोद में सिर रखने जैसा सुकून मिले। यह वह पवित्र धरती है, जिसने हमें जीवन दिया, पाला-पोसा और हमारी पहचान बनाई। इसकी हर खनक में स्वतंत्रता संग्राम की कहानियाँ छिपी हैं और हर कण में हमारे वीरों का लहू शामिल है। आइए, इस मिट्टी के गहरे एहसास को महसूस करें, जो हमारी रगों में देशभक्ति का अटूट जज़्बा बनकर दौड़ता है।

    इस मिट्टी में जन्में हैं, इसी में मिल जाना है, वतन की मिट्टी से बढ़कर नहीं कोई ठिकाना है।

    कण-कण में बसा है मेरे देश का इतिहास, हर धूल का ज़र्रा है आज़ादी का एहसास।

    यह धरती माँ है हमारी, हम इसके प्यारे बच्चे, मिलकर करेंगे इसकी सेवा, सच्चे और अच्छे।

    वतन की मिट्टी को माथे से लगाता हूँ, इसी मिट्टी में अपनी पहचान पाता हूँ।

    इसकी हवाओं में घुली है मुहब्बत की कहानी, इसकी फिज़ाओं में है आज़ादी की रवानी।

    खेतों में लहराती फसलें, नदियों का बहता पानी, मेरे वतन की यह तस्वीर है कितनी सुहानी।

    पहाड़ों की ऊँचाई, सागर की गहराई, मेरे वतन की हर चीज़ में है एक सच्चाई।

    इस मिट्टी का कर्ज हम कैसे चुकाएंगे, जान भी दे दें तो भी कम पड़ जाएगी।

    वतन की मिट्टी से बनी है मेरी काया, इसी मिट्टी में एक दिन हो जाना है समाया।

    हर सुबह इसकी किरणें नया पैगाम लाती हैं, मेरे वतन की मिट्टी मुझे जीना सिखाती है।

    आज़ादी का जज़्बा

    आज़ादी! यह सिर्फ़ एक शब्द नहीं, बल्कि एक धड़कता हुआ एहसास है, एक उबलता हुआ लावा है जो हर उस दिल में उमड़ता है जिसने कभी गुलामी की ज़ंजीरों की खनक सुनी हो। यह वह प्रचंड अग्नि है जो अन्याय और अत्याचार की हर दीवार को पल भर में राख कर देती है। आज़ादी वह अनमोल साँस है जिसके बिना जीवन, जीवन नहीं बल्कि एक घुटन है।

    यह वह शक्ति है जो एक कमजोर इंसान को भी चट्टान बना देती है और उसे अपने हक़ के लिए लड़ने की प्रेरणा देती है। हमारे पूर्वजों ने इस जज़्बे को अपने लहू से सींचा है और आज यह हमारी रगों में एक अटूट संकल्प बनकर दौड़ रहा है। आइए, इस आज़ादी के दीवानेपन को महसूस करें, जो हमें अपने वतन की रक्षा और सम्मान के लिए हमेशा तत्पर रखता है।

    आज़ादी की ये साँसें, अनमोल हैं कितनी, गुलामों से पूछो, क्या कीमत है इसकी।

    लहू देकर हमने यह आज़ादी पाई है, इसे हर कीमत पर बचाना हमारी ज़िम्मेदारी है।

    आज़ाद वतन में जीने का अपना ही मज़ा है, हर नागरिक को अपने हक़ की आवाज़ उठाना है।

    ये आज़ादी की सुबह कभी ढलने न पाए, वतन की एकता पर कभी आंच न आए।

    दिलों में आज़ादी की लौ जलाए रखना है, वतन के दुश्मनों को हमेशा दूर रखना है।

    आज़ादी हमारा हक़ है, इसे कोई छीन न पाएगा, एकता की ताकत से हर मुश्किल आसान हो जाएगा।

    सर उठाकर चलो, यह वतन तुम्हारा है, हर दिशा में आज़ादी का उजाला है।

    आज़ादी की राह में हमने हर इम्तिहान दिया है, अपनी जान देकर भी इस वतन को बचाया है।

    ये आज़ादी की कहानी, हर बच्चे को सुनानी है, वतन पर मर मिटने वालों की याद दिलानी है।

    आज़ादी का यह नशा उतरने न देंगे, वतन की आन-बान-शान कम होने न देंगे।

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    एकता और अखंडता

    भारत, एक ऐसा उपवन है जहाँ विविधताओं के अनगिनत रंग एक साथ खिलते हैं। यहाँ हर भाषा का अपना मधुर संगीत है, हर संस्कृति की अपनी अनूठी छटा है और हर परंपरा में प्रेम और सद्भाव का गहरा संदेश छिपा है। यही अनेकता में एकता इस देश की सबसे बड़ी शक्ति है, इसकी अटूट पहचान है। अखंडता वह मजबूत नींव है जिस पर इस महान राष्ट्र की इमारत टिकी हुई है।

    यह वह अदृश्य धागा है जो कश्मीर से कन्याकुमारी तक और गुजरात से अरुणाचल प्रदेश तक हर भारतीय को एक सूत्र में पिरोता है। एकता और अखंडता सिर्फ़ नारे नहीं, बल्कि यह हमारी रगों में बहता हुआ वह अटूट विश्वास है जो हमें हर चुनौती का मिलकर सामना करने और अपने वतन की संप्रभुता को अक्षुण्ण रखने की प्रेरणा देता है। आइए, इस भावना को और मजबूत करें और मिलकर एक ऐसे भारत का निर्माण करें जहाँ हर नागरिक गर्व से कह सके – “यह मेरा वतन है, और हम सब एक हैं।”

    हिन्दू, मुस्लिम, सिख, ईसाई, हम सब हैं भाई-भाई, यह भारत देश है हमारा, इसकी एकता में है सच्चाई।

    अनेकता में एकता, यही भारत की शान है, हर रंग में घुली हुई इसकी पहचान है।

    मिलकर चलेंगे, मिलकर बढ़ेंगे, यह संकल्प हमारा है, अखंड भारत की रक्षा करना फर्ज़ हमारा है।

    कोई मज़हब, कोई ज़ात, हमें बाँट न पाएगा, वतन की मुहब्बत में हर दिल एक हो जाएगा।

    भारत माँ की रक्षा में हम सब एक जुट हैं, दुश्मनों के हर वार का देंगे मुँहतोड़ जवाब हम।

    उत्तर से दक्षिण तक, पूरब से पश्चिम तक, एक है भारत माँ हमारी, एक है हमारा लक्ष्य।

    विविधता में सुंदरता है, यही इस देश की नींव है, एकता के बंधन से ही यह हमेशा अजेय है।

    आओ मिलकर करें वतन को और भी महान, एकजुट होकर करें हर मुश्किल आसान।

    यह देश हमारा गुलशन है, हम इसके फूल हैं, मिलकर इसकी रक्षा करेंगे, यही हमारा उसूल है।

    दिलों में प्रेम की गंगा बहाएंगे, वतन की एकता को सदा बनाए रखेंगे।

    वतन से मुहब्बत

    वतन से मुहब्बत, वह पाक एहसास है जो किसी तर्क या बंधन का मोहताज नहीं होता। यह तो हमारी रगों में बहते लहू की तरह स्वाभाविक और गहरा होता है। जिस मिट्टी में हमारी जड़ें हैं, जिस आसमान के नीचे हमने उड़ान भरी है, उसके लिए दिल में उमड़ने वाला यह स्नेह शब्दों से परे है। यह वह अटूट रिश्ता है जो हमें हमारी पहचान से जोड़ता है, हमारी संस्कृति से मिलाता है और हमें एक सामूहिक भावना से भर देता है।

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    वतन के लिए यह मुहब्बत किसी धार्मिक ग्रंथ के उपदेश से कम नहीं, यह तो हमारी आत्मा की आवाज़ है जो हर पल इस धरती माँ के प्रति कृतज्ञता और प्रेम का इज़हार करती है। यह वह जज़्बा है जो हमें इसकी रक्षा के लिए सर्वस्व न्योछावर करने के लिए भी प्रेरित करता है। आइए, इस पवित्र भावना को महसूस करें, जो हर भारतीय के दिल में धड़कती है – अपने वतन के लिए बेइंतहा प्यार।

    मेरे दिल में है वतन की मुहब्बत का सागर, हर लहर में उठता है इसका ही नाद निरंतर।

    यह प्यार नहीं मिटने वाला, सदियों तक रहेगा, मेरे वतन की मिट्टी का कर्ज हमेशा रहेगा।

    साँसों में घुली है वतन की खुशबू, रगों में बहता है इसका लहू।

    वतन से बढ़कर नहीं कोई जन्नत, इसी मिट्टी में है मेरी मन्नत।

    दिल से निकली है यह आवाज़, वतन तू मेरी जान है, तेरे लिए हर कुर्बानी कुर्बान है।

    मेरी पहचान है मेरा वतन, मेरा अभिमान है मेरा वतन, इसकी शान के लिए हरदम हाज़िर है यह तन।

    वतन की यादें मेरे दिल में बसी हैं, जैसे आँखों में पलती हुई नमी हैं।

    हर धड़कन में वतन का नाम है, यही तो मेरी सुबह और शाम है।

    वतन की गलियों में बचपन बीता, हर लम्हा जैसे कोई मीठा गीत था।

    दूर रहकर भी दिल यहीं रहता है, वतन की मिट्टी को हर पल तरसता है।

    नौजवानों का जोश

    नौजवानी, जीवन का वह स्वर्णिम काल है जब सपने आँखों में पलते हैं और ऊर्जा हर रग में उफान मारती है। यह वह दौर है जब हौसलों की उड़ान आसमान छूती है और कुछ कर गुजरने का जज़्बा हर पल प्रेरित करता है।

    नौजवान किसी भी राष्ट्र की सबसे बड़ी शक्ति होते हैं, वे परिवर्तन के वाहक और भविष्य के निर्माता होते हैं। उनके दिल में अपने वतन के लिए एक अटूट प्रेम होता है और उनकी आँखों में इसे नई ऊँचाइयों पर ले जाने का संकल्प होता है। उनका जोश, एक प्रचंड आंधी की तरह होता है जो हर पुरानी और कमजोर सोच को उखाड़ फेंकता है और एक नए, प्रगतिशील भविष्य की नींव रखता है।

    यह वह ऊर्जा है जो असंभव को भी संभव कर दिखाने का दम रखती है। आइए, इस युवा शक्ति के उत्साह और उमंग को महसूस करें, जो हमारे वतन को एक स्वर्णिम भविष्य की ओर ले जाने के लिए आतुर है।

    नौजवान हैं हम इस वतन की शान, बुलंद रखेंगे हमेशा इसका मान।

    हाथों में तिरंगा, दिल में वतन का प्यार, बढ़ते चलेंगे हम, हर मुश्किल को पार।

    नई पीढ़ी हैं हम, नया इतिहास रचेंगे, वतन को दुनिया में सबसे ऊँचा रखेंगे।

    हमारी रगों में बहता है शहीदों का खून, वतन की रक्षा के लिए हरदम रहेंगे जुनून।

    हम हैं भारत के वीर जवान, दे देंगे वतन के लिए अपनी जान।

    युवा शक्ति है देश की ताकत, हम करेंगे वतन की हिफाज़त।

    आँखों में सपने, दिल में उमंग, वतन को ले जाएंगे हर रंग।

    हम बदल देंगे यह ज़माना, वतन को बनाएंगे सबसे सुहाना।

    कदम से कदम मिलाकर चलेंगे, वतन की राहों में फूल बिछाएंगे।

    हमारा हौसला है चट्टान, वतन पर कुर्बान है हमारी जान।

    कुछ और देशभक्ति शायरी

    सरफ़रोश बनके जो निकले, वो घर क्या पहचानें, जिन्हें वतन की धुन लागी, वो सर क्या पहचानें।

    मेरा मुल्क, मेरी जान, मेरी पहचान है, इसकी मिट्टी में ही मेरा ईमान है।

    ये वतन नहीं, ये जन्नत का नज़ारा है, हर जर्रा इसका आँखों का तारा है।

    वतन की मोहब्बत में हमने खुद को भुला दिया, मिट गए वतन पर और नाम अमर कर लिया।

    हर भारतीय की यही आवाज़ है, अपना वतन हमें जान से भी ज़्यादा अज़ीज़ है।

    वतन की हवाओं में आज़ादी का सुरूर है, हर दिल में देशभक्ति का जुनून है।

    ये वतन है हमारा, इसे हम सजाएंगे, अपनी मेहनत और लगन से इसे स्वर्ग बनाएंगे।

    वतन के लिए जो मरते हैं, वो कभी मरते नहीं, वो तो दिलों में हमेशा ज़िंदा रहते हैं।

    आओ मिलकर गाएं वतन का तराना, यह देश है हमारा, सबसे सुहाना।

    यह धरती माँ है, इसका सम्मान करो, अपने वतन से हमेशा प्यार करो।

    वतन की हर कहानी में बलिदान की गाथा है, शहीदों के लहू से लिखी हर बात है।

    वतन की मिट्टी का तिलक लगाओ, देशभक्ति का अलख जगाओ।

    यह वतन हमारा गुलशन, हम इसके माली हैं, इसे हरा-भरा रखना हमारी ज़िम्मेदारी है।

    वतन की सेवा में जीवन बिता दो, यही सच्ची देशभक्ति है, यही सच्चा नाता है।

    वतन के लिए जीना भी एक कला है, और वतन के लिए मरना भी एक अदा है।

    वतन की हर सुबह एक नया उजाला है, हर शाम में शहीदों का हवाला है।

    वतन की धड़कन में हमारी धड़कन है, इसकी हर सांस में हमारी सांस है।

    वतन की आन पर कभी आंच न आए, हम अपनी जान भी दे दें, तो कम है।

    वतन की मिट्टी में खेलकर हम बड़े हुए, इसका कर्ज चुकाना है, यही हमारा प्रण है।

    वतन के हर रंग में रंग जाओ, देशभक्ति के गीत गाओ।

    वतन की राहों पर चलते रहेंगे, अपनी मंज़िल को ज़रूर पाएंगे।

    वतन की बुलंदी को छूना है हमें, हर मुश्किल को पार करना है हमें।

    वतन की आवाज़ सुनो, वतन को पुकारो, अपनी जान भी वतन पर निसार करो।

    वतन की हर दुआ में शामिल हैं हम, इसकी हर हवा में शामिल हैं हम।

    वतन की मिट्टी से प्यार है हमें, इसकी हर बात पर ऐतबार है हमें।

    वतन की खातिर जीना, वतन की खातिर मरना, यही है ज़िंदगी का असली मतलब समझना।

    वतन की शान में हम सर झुकाते हैं, इसकी मिट्टी को अपना ईमान बताते हैं।

    वतन से मुहब्बत एक ऐसी भावना है जो हर देशवासी के दिल में गहरी जड़ें जमाए रहती है। यह सिर्फ़ ज़मीन का टुकड़ा नहीं, बल्कि हमारी पहचान, संस्कृति और इतिहास का प्रतीक है। वतन के लिए प्यार हमें बलिदान, एकता और समर्पण की प्रेरणा देता है, ताकि हम अपने देश की शान और आबरू को हमेशा बनाए रखें। यह मुहब्बत हमें अपने कर्तव्यों की याद दिलाती है और एक बेहतर भविष्य के लिए प्रेरित करती है।

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